Sunday, July 29, 2018

आज हम बताएँगे कुंडली किस किस प्रकार की बनती है

आज हम बताएँगे कुंडली किस किस प्रकार की बनती है

कुण्डली के प्रकार

कुण्डली निम्न प्रकार की होती है :-
१. टेवा
४. षड्वर्गीय
२. जन्माक्षर
५. सप्तवर्गीय
३. जन्म पत्रिका
६. षोडशवर्गीय

टेवा का प्रारूप :- 
टेवा १ पन्ने का होता है इसका प्रारूप इस प्रकार है :-
स्वस्तिश्रीशुभविक्रमसंवत................शाके............मासोतमे......मासे.........पक्षे.........तिथौ घ०........प०........परं.......... जन्मतिथौ...........वासरे.........नक्षत्रे घ०........प०........परं...... जन्मनक्षत्रे योगे घ०........प०........परं...........जन्मयोगे तात्कालिके........करणे दिनमान घ०........ प०...........    
भयातम् घ०........प०........भभोगःघ०........प०....... श्रीसूर्य............संक्रान्तेग्रतांशः    |    |  
सूर्योदयादिष्टम् घ०........प०........ ता०..........मास...........ई०.............
दिवा/रात्रो घ०........मि०......... वाद्नोपरि ...........................जन्मस्थाने..................लग्नोदये श्रीमान्.....................महोदयस्यभार्यायाः................कुक्षौ
...............रत्नमजीजनत | होराशाश्त्रानुसारेण............................नक्षत्रस्य
..........चरणानुगतं ...........अक्षरोपरि...........राशिनाम ........................राशिः........राशीशः..........वर्ण..........
वश्यः...........योनिः............गणः.........नाडी इत्यादिविवाहादौ विचारणीयम् | लग्नस्पष्ट   |   |   |

Kundali Blank


                            अथजन्मांगचक्रमिदम
            

तिथि..................                                     कर्ताज्योतिर्विद..........................
क्रमांक................
                                || श्रीरस्तु ||




जन्माक्षर का प्रारूप :-
जन्माक्षर की पत्रिका छपती है जिसमे निम्न होता है :-
1. जन्म चक्र, 2. चंद्र चक्र या 3.राशि चक्र और 4.फलादेश होता है!


जन्म पत्रिका का प्रारूप :- 
जन्म पत्रिका छपती है जिसमे निम्न होता है :-
1. ग्रह स्पष्ट, 2. ग्रह अवस्था, 3. ग्रह कारक, 4.जन्म चक्र, 5. चंद्र चक्र या राशि चक्र, 6. नवमांश चक्र, 7. कारकांश चक्र, 8. विशोंतरी महादशा, 9. अंतर्दशा और 10. फलादेश होता है!


षड्वर्गीय का प्रारूप :- 
षड्वर्गीय जन्म पत्रिका छपती है जिसमे निम्न होता है :-
1. ग्रह स्पष्ट, 2. ग्रह अवस्था, 3. ग्रह कारक, 4.जन्म चक्र, 5. चंद्र चक्र या राशि चक्र, 6. नवमांश चक्र, 7. कारकांश चक्र, 8. विशोंतरी महादशा, 9. अंतर्दशा और 10. फलादेश होता है!


सप्तवर्गीय का प्रारूप :-
सप्तवर्गीय जन्म पत्रिका छपती है जिसमे निम्न होता है :-
1. ग्रह स्पष्ट, 2. ग्रह अवस्था,  3. ग्रह कारक, 4. जन्म चक्र, 5. चंद्र चक्र या राशि चक्र, 6. पंचधामैत्री, 7. द्वादश भाव, 8. चलित चक्र, 9. होरा चक्र, 10. द्रेष्काण, 11. सप्तमांश चक्र,       12. नवमांश चक्र, 13. द्वादशांश चक्र, 14. त्रिशांश चक्र, 15. सप्तवर्गकोष्टक, 16. विशोंतरी महादशा, 17. अंतर्दशा, 18. योगिनी महादशा और 19. फलादेश होता है!


षोडशवर्गीय का प्रारूप :- 
षोडशवर्गीय जन्म पत्रिका छपती है जिसमे निम्न होता है :-
1. ग्रह स्पष्ट, 2. ग्रह अवस्था,  3. ग्रह कारक, 4. जन्म चक्र, 5. चंद्र चक्र या राशि चक्र,     6. पंचधामैत्री, 7. द्वादश भाव, 8. चलित चक्र, 9. होरा चक्र, 10. द्रेष्काण, 11. चतुर्थांश     12. सप्तमांश चक्र, 13. नवमांश चक्र, 14. दशमांश चक्र, 15. द्वादशांश चक्र, 16. षोडशांश चक्र,      17. विशांश चक्र, 18. चतुर्विशांश चक्र, 19. भांशेश चक्र, 20. त्रिशांश चक्र, 21. खवेदांश चक्र, 22. अथाक्षवेदांश चक्र,   23. षष्टयंश चक्र, 24. विशोंतरी महादशा, 25. अंतर्दशा, 26. योगिनी महादशा और 27. फलादेश होता है, इसके अतिरिक्त इसमें सारे ग्रहों के रेखाष्ट्क एवं प्रत्यन्तर दशा भी होती है!



नोट :- पत्रिका कई प्रेस से छपती है अतः इसका पूर्ण स्वरूप भिन्न हो सकता है अतः इसे नही दिया गया है!


मै आशा करता हू की आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी! आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे में हमें जरुर बताइयेगा! व आगे इसी तरह की ज्योतिष की जानकारी के लिए जुड़े रहिएगा..........


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