आइये जानते है मिथुन राशि के बारे में विस्तार से व कैसे होते है मिथुन राशि वाले?
क्या होती है मिथुन राशिGemini, जुतुम, यम, युग ये मिथुन राशी के अन्य नाम है! मिथुन राशि द्विस्वभाव, क्रूर राशि, पुरुष प्रकृति, वायुतत्व वाली, पश्चिम दिशा का स्वामी, शरीर का अंग बाहु, शीर्षोदय, कफ-वायु-पित ( त्रिदोष ) विशिष्ट और दुर्वारंग कारक है! मिथुन राशि रात्री में बलवान है! मिथुन राशि को निर्जल राशि कहते है! बुध इसका स्वामी है! मिथुन राशि का प्राकृतिक स्वभाव विधाध्ययनी और शिल्पी है!
भौतिक लक्षण :
लम्बा सुडौल शरीर, पतले और लम्बे हाथ, मध्यम रंग, ठोढ़ी
के पास गड्ढा, सक्रिय, स्पष्ट वचन, तीखी–सक्रिय काली आँखे, लम्बी नाक, चेहरे पर मस्सा,
पतली लम्बी उंगलियां, उन्नत नाक व काले ओष्ठ| ( इसका पूर्ण सम्बन्ध आपके पैतृक व
भौगोलिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है! )
अन्य गुण :
मिथुन राशि वाले साहसी, मानव स्वभाव का ज्ञान रखने वाले, सहानुभूतिपूर्ण और दयालु होते है|
मिथुन राशि वालो में ज्ञान, मौलिकता और चुस्ती में उत्तम व् वक्त की नजाकत तुरंत भांप लेते है|
मिथुन राशि वाले अक्सर धोखाघड़ी के कारण हानि उठाते है|
मिथुन राशि वालो
को ईश्वर की सहायता उपलब्ध होती है|
मिथुन राशि वाले स्वयं को जरूरत के मुताबिक
ढाल लेते है|
मिथुन राशि वाले परिवर्तनशील मिजाज वाले, धैर्यहीन, बैचेन व मानसिक
कार्यों में प्रवीण होते है|
मिथुन राशि वालो की संकल्पनशक्ति कमजोर, निर्णयक्षमता
तीव्र और एकाग्रता उतम होती है|
मिथुन राशि वाले यंत्र विज्ञान में प्रवीण होते है
व कई विषय की जानकारी रखते है|
मिथुन राशि वाले वार्तालाप में उत्कृष्ट रहते है ये
अक्सर कवि, वक्ता, लेखक व संगीतज्ञ आदि होते है| मिथुन राशि वालो के दो व्यवसाय भी
हो सकते है व दो कार्य साथ–साथ सफलतापूर्वक संपन्न कर सकते है|
मिथुन राशि वालो की
किस्मत नौकरी में साथ नहीं देती है|
मिथुन राशि वालो का समाज में सम्मान होता है|
मिथुन
राशि वालो का महिलाओं द्धारा कार्य में बाधा या हानि होती है|
मिथुन राशि वालो को
विपरीत लिंग के व्यक्तियों के साथ सावधानी बरतनी चाहिए|
मिथुन राशि वालो की धर्म
और अध्यात्म में रूचि होती है|
मिथुन राशि वालो की महिलाए कमजोरी होती है व ये
उनका स्नेह पाने में प्रवीण होते है|
मिथुन राशि वालो सामजिक उत्सवों आदि में भाग
लेने के लिए तत्पर रहते है व इनकी विवाह में उत्साह और रूचि रहती है|
मिथुन राशि वाले
अन्य व्यक्तियों को समझने में चतुर होते है|
संभावित रोग :
जुकाम, खांसी, 33 से 46 वर्ष की आयु का समय इनके जीवन
का स्वर्णिमकाल रहता है| 47 से वर्ष में कष्ट रहते है|
मै आशा करता हू की
आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी! आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे में हमें
जरुर बताइयेगा! व आगे इसी तरह की ज्योतिष की जानकारी के लिए जुड़े रहिएगा..........
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