आइये जानते है मकर राशि के बारे में विस्तार से व कैसे होते है मकर राशि वाले?
क्या होती है मकर राशि
Capricorn, मृग,
मृगास्य, नक्र ये मकर राशी के अन्य नाम है| मकर राशी चर राशि, सौम्य राशि, स्त्री राशि,
पृथ्वीतत्व वाली, दक्षिण दिशा का स्वामी, शरीर के पैरों की गाँठ तथा घुटना,
पृष्ठोदय राशि, वायु-प्रकृति-कारक और पिंगलवर्ण कारक है| मकर राशी
पूर्णजलराशि कहलाती है| मकर राशी
रात्री में बलवान है| मकर राशी का
स्वामी शनि है| बृहस्पति इसमें नीच
और केतु मूलत्रिकोण में होता है|
प्राकृतिक स्वभाव से यह उच्चपदाभिलाषी होता है|
भौतिक लक्षण :
दुबला–पतला शरीर, उम्र के साथ स्वास्थ्य सुधरता है, बड़े
दांत, बड़े मुख, नाक विशिष्ट रहती है, बाल काले और मोटे होते है, चेहरा पतला और
अंडाकार, कुबड़ी कमर, घुटनों पर मस्सा या निशान, मगरमच्छ के समान जबड़े, लधु मस्तक,
दाढ़ी में बाल कम रहते है, निचले अंगों में कमजोरी| ( इसका पूर्ण सम्बन्ध आपके
पैतृक व भौगोलिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है! )
अन्य गुणधर्म :
मकर राशि वाले मितव्ययी व विचारशील होते है|
मकर राशि वाले उतम विवेकशक्ति वाले व सत्ताप्रेमी होते है|
मकर राशि वाले आत्मनिर्भर बुद्धिजीवी होते है|
मकर राशि वाले बलवान होते है|
मकर राशि वालो को किसी भी कार्य में सफलता नहीं मिलने तक निराश ही
रहते है|
मकर राशि वाले सांसारिक कार्यों में तथ्यों और आंकड़ो का प्रयोग करते
है|
मकर राशि वाले इमानदार और निष्कपट होते है|
मकर राशि वाले शक्ति के आगे अडिग रहते है, परन्तु सज्जनता और मित्रता
के सामने नतमस्तक हो जाते है|
मकर राशि वालो की संगठन क्षमता उतम होती है|
मकर राशि वाले कठिनाई में भी किसी से सहायता के लिए नहीं कहते है|
मकर राशि वालो की वाक् शक्ति में बाधाएं रहती है|
मकर राशि वाले उच्च और सामजिक पदों के लिए उपयुक्त होते है|
मकर राशि वाले तकनीकी और वितीय कार्यो में सफल होते है|
मकर राशि वाले नवागंतुकों के साथ मित्रता में शिथिल रहते है, पर
पुराने मित्रो से अच्छे संबंध होते है|
मकर राशि वालो की प्रेम प्रसंग में रूचि कम होती है, पर परिवार और
प्रियजनों की उतम देखभाल करते है|
मकर राशि वाले विपरीत लिंग के व्यक्तियों से बातचीत में शिथिल और अति
सावधान रहते है| मकर राशि वाले स्वयं से वरिष्ठ आयु के लिंग व्यक्तियों से संबंध
स्थापित करते है|
संभावित रोग :
घुटनों में चोट, त्वचा रोग, खरोंच, हड्डी टूटना, गठिया,
पित्ती आदि| बाल्यावस्था में अग्नि, हथियार या लोहे से चोट की आशंका रहती है |
33 से 49 वर्ष की आयु में जीवन आनंदप्रद रहता है| 50 से 51 वर्ष में स्वास्थ्य
कष्ट होता है|
मै आशा करता हू की
आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी! आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे में हमें
जरुर बताइयेगा! व आगे इसी तरह की ज्योतिष की जानकारी के लिए जुड़े रहिएगा..........
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