जानिए कैसे खुद से बिना दवाई के अपनी बीमारी ठीक करे?
आज से हजारो वर्ष पूर्व जब मेडिकल साइंस नही था क्या दवाए थी? नही उस समय केवल जड़ी बूटियो से इलाज होते थे, इसके अतिरिक्त लोग अपनी खुद की उर्जा से खुद को ठीक करते थे| वक्त बीतने के साथ साथ लोग स्वयं की शक्ति भूल चुके है व किस तरह उस शक्ति का उपयोग करके खुद को आज के युग में भी ठीक किया जा सकता है यह भी भूल चुके है| हमारे शरीर में विधुतचुम्बकीय
शक्ति होती है जो पुरे शरीर में फैली होती है जिसको आभामंडल कहते है व इस
प्राणशक्ति भी कहते है|
ऊर्जा का प्रकार
ऊर्जा दो प्रकार की
होती है- सकारात्मक ऊर्जा व नकारात्मक ऊर्जा
सकारात्मक
ऊर्जा :
सकारात्मक ऊर्जा हमें बहुत सी
चीजों से प्राप्त होती है जिनमे से पूजा जाप हवन ध्यान यह प्रमुख है| जिनके विषय में हम
बाद में बात करेंगे|
नकारात्मक ऊर्जा :
नकारात्मक ऊर्जा हमें गलत कार्यो से प्राप्त होती है जैसे बुरी संगत, बुरे कार्यो
से, व्यसन से, किसी की नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव में आने से या किसी के द्वारा
नकारात्मक ऊर्जा हमारे उपर डालने से या नजर से लग सकती है |
आइए जानते है कैसे
पड़ते है हम बीमार
जब भी हम बीमार
होते है सबसे पहले बीमारी हमारे आभामंडल में आती है, जो की एक नकारात्मक ऊर्जा के
रूप में लगती है| ये नकारात्मक ऊर्जा हमें उपरोक्त बताये किसी भी कारण से लग सकती है| ये नकारात्मक
ऊर्जा हमें धीमे धीमे बीमार करती है| पहले यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम
करती है, उसके बाद अपना प्रभाव देती है| जिस भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा
होगी व जितनी बड़ी नकारात्मक ऊर्जा होगी बीमारी उसी के
अनुरूप होगी|
कैसे प्रवेश करती
है हमारे शरीर में ऊर्जा
हमारे शरीर में
ऊर्जा हमारे आभामंडल से व हमारे शरीर में स्थित ऊर्जा चक्रों से जाती है| यह जाने
वाली ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा है या नकारात्मक ऊर्जा है
यह हमारे उपर निर्भर करता है, की हमने क्या किया है व क्या नही |
अब यह बात आती है
कौन सी बीमारी कैसे लगती है
इस विषय पे चर्चा
मै अपने आगे की पोस्ट में करूँगा |
मै आशा करता हू की
आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी| आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे में हमें
जरुर बताइयेगा| व आगे इसी तरह की अध्यात्म की जानकारी के लिए जुड़े रहिएगा..........
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