Monday, August 27, 2018

क्या होता है करण? व कौन कौन से होते है करण के स्वामी?


क्या होता है करण? व कौन कौन से होते है करण के स्वामी?

क्या होता है करण
तिथि के आधे भाग को करण कहते है अर्थात एक तिथि में दो करण होते है! 11 करणों के नाम ये है :-
करण
1. बव
7. विष्टि
2. बालव
8. शकुनि
3. कौलव
9. चतुष्पद
4. तैतिल
10. नाग
5. गर
11. किन्स्तुघ्न
6. वणिज
******************


Karan

इन करणों में पहले के 7 करण चरसंज्ञक और अंतिम 4 करण स्थिरसंज्ञक है!

कौन कौन से होते है करण के स्वामी
करणों के स्वामी इस प्रकार है :-
करणों के स्वामी
करण
स्वामी
करण
स्वामी
1. बव
इन्द्र
7. विष्टि
यम
2. बालव
ब्रह्मा
8. शकुनि
कलियुग
3. कौलव
सूर्य
9. चतुष्पद
रूद्र
4. तैतिल
सूर्य
10. नाग
सर्प
5. गर
पृथ्वी
11. किन्स्तुघ्न
वायु
6. वणिज
लक्ष्मी
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कृष्णपक्ष में विष्टि-भद्रा त्रितया और दशमी तिथि के उतरार्द्ध में होता है! कृष्णपक्ष कि सप्तमी और चतुर्दशी तिथि के पूर्वाद्ध में विष्टि ( भद्रा ) करण होता है! शुक्लपक्ष में चतुर्थी और एकादशी के परार्द्ध में तथा अष्टमी और पूर्णमासी के पूवार्द्ध में विष्टि ( भद्रा ) करण होता है! भद्रा का समय समस्त शुभ कार्य त्याज्य है!
विष्टि करण का नाम भद्रा है, प्रत्येक पंचांग में भद्रा के आरम्भ और अंत का समय दिया रहता है! भद्रा में प्रत्येक शुभकर्म करना वर्जित है!

तिथि
शुक्लपक्ष
कृष्णपक्ष

पूर्वार्ध
उतरार्ध
पूर्वार्ध
उतरार्ध
1
किं.
व्.
वा
कौ
2
वा
कौ
तै
3
तै
व्
वि
4
व्
वि
वा
5
वा
कौ
तै
6
कौ
तै
व्
7
व्
वि.
8
वि.
व्
वा
कौ
9
वा
कौ
तै
10
तै
व्
वि
11
व्
वि
व्
वा
12
व्
वा
कौ
तै
13
कौ
तै
व्
14
व्
वि
व्
15
वि
व्
16
व्
ना

मै आशा करता हू की आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी! आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे में हमें जरुर बताइयेगा! व आगे इसी तरह की ज्योतिष की जानकारी के लिए जुड़े रहिएगा..........

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