क्या होता है हंस योग? व कैसे होते है हंस योग के जातक? व क्यू फलित नही होता है हंस योग?
क्या होता है हंस
योग?
यदि गुरु धनु राशि या
मीन राशि (स्वराशि) या कर्क राशि (उच्च राशि) में केंद्र में स्थित हो तथा लग्न
बलवान हो तो हंस योग बनता है|
कैसे होते है हंस
योग के जातक?
हंस योग में उत्पन्न
जातक शासक, सरकारी सेवा में उच्च पदाधिकारी, विद्वान तथा उत्तम व्यक्तित्व वाला
होता है|
क्यू फलित नही होता
है हंस योग?
हंस योग के लिए यदि गुरु
धनु राशि या मीन राशि (स्वराशि) या कर्क राशि (उच्च राशि) में केंद्र में स्थित हो
तथा लग्न बलवान हो तो बनता है अब निम्न कारणों से हंस योग अपना पूर्ण प्रभाव नही
देगा-
जब धनु राशि
या मीन राशि केंद्र में स्थित होगी तो दूसरी राशि भी केंद्र में ही होगी अर्थात गुरु
दो राशियों का स्वामी होते हुए केंद्र का स्वामी भी होगा और उसे केन्द्राधिपति दोष
भी लगेगा|
अब यदि मिथुन
लग्न हो तो सप्तम भाव में धनु राशि होगी तो गुरु को मारकेश होने का दोष भी लगेगा, तब हंस योग होने पे भी जातक को कभी अपना पूर्ण
प्रभाव नही देगा|
अब यदि कन्या
लग्न हो तो सप्तम भाव में मीन राशि होगी तो गुरु को मारकेश होने का दोष भी लगेगा, तब हंस योग होने पे भी जातक को कभी अपना पूर्ण
प्रभाव नही देगा|
अब यदि गुरु
अपनी उच्च राशि कर्क में केंद्र में हो तो भी निम्न कारणों से हंस योग होने पे भी जातक को कभी अपना पूर्ण
प्रभाव नही देगा-
कर्क लग्न
में गुरु के लग्न में होने पे भी धनु राशि षष्टेश होगी तब गुरु को षष्टेश होने का
दोष लगेगा, तब हंस योग होने पे
भी जातक को कभी अपना पूर्ण प्रभाव नही देगा|
मेष लग्न
में गुरु के चतुर्थ भाव में कर्क राशि में होने पे भी मीन राशि व्ययेश होगी तब
गुरु को व्ययेश होने का दोष लगेगा, तब हंस
योग होने पे भी जातक को कभी अपना पूर्ण प्रभाव नही देगा|
मकर लग्न
में गुरु के सप्तम भाव में कर्क राशि में होने पे भी धनु राशि व्ययेश होगी तब गुरु
को व्ययेश होने का दोष लगेगा, तब हंस
योग होने पे भी जातक को कभी अपना पूर्ण प्रभाव नही देगा|
तुला लग्न
में गुरु के दशम भाव में कर्क राशि में होने पे भी मीन राशि षष्टेश होगी तब गुरु
को षष्टेश होने का दोष लगेगा, तब हंस
योग होने पे भी जातक को कभी अपना पूर्ण प्रभाव नही देगा|
यदि गुरु केंद्र में तो हो लेकिन बली न हो अर्थात इसकी अवस्था बाल, वृद्ध या मृत हो तब हंस योग जातक को कभी अपना पूर्ण प्रभाव नही देगा|
यदि गुरु के साथ में केंद्र में अन्य ग्रह भी हो तो उन ग्रहों का प्रभाव भी जातक पे पड़ेगा, यदि अन्य ग्रह षष्ठेश, अष्टमेश या व्ययेश हो तो हंस योग जातक को कभी अपना पूर्ण प्रभाव नही देगा|
मै आशा करता हू की आपको ये जानकारी
अच्छी लगी होगी| आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे में हमें
जरुर बताइयेगा| व आगे इसी तरह की ज्योतिष की जानकारी के लिए
जुड़े रहिएगा..........
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