Sunday, October 21, 2018

क्या होता है महाभाग्य योग? व कैसे होते है महाभाग्य योग में उतपन्न जातक? व क्यों फलित नही होता है महाभाग्य योग?

क्या होता है महाभाग्य योग? व कैसे होते है महाभाग्य योग में उतपन्न जातक? व क्यों फलित नही होता है महाभाग्य योग?

क्या होता है महाभाग्य योग?
महाभाग्य योग लग्न, सूर्य और चन्द्रमा के सम या विषम राशि में होने से निम्न प्रकार से बनता है--
यदि दिन में जन्म हो और पुरुष के जन्मांग ( लग्न चक्र ) में यदि लग्न, सूर्य और चन्द्रमा तीनो विषम राशि के हो तो महाभाग्य योग होता है|
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यदि रात्रि में जन्म हो और स्त्री के जन्मांग ( लग्न चक्र ) में यदि लग्न, सूर्य और चन्द्रमा तीनो सम राशि के हो तो महाभाग्य योग होता है|
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कैसे होते है महाभाग्य योग में उतपन्न जातक?

महाभाग्य योग में उतपन्न पुरुष--
महाभाग्य योग में उत्पन्न पुरुष अपने दर्शन मात्र से सभी के नेत्रों को आनन्दित करने वाले होते है|
महाभाग्य योग में उत्पन्न पुरुष अति उदार होते है|
महाभाग्य योग में उत्पन्न पुरुष वाकपटु होते है|
महाभाग्य योग में उत्पन्न पुरुष विख्यात होते है|
महाभाग्य योग में उत्पन्न पुरुष राजा के सामान वैभवशाली होते है|

महाभाग्य योग में उतपन्न स्त्री--
महाभाग्य योग में उत्पन्न स्त्री सुचित्रा होती है|
महाभाग्य योग में उत्पन्न स्त्री धनी होती है|
महाभाग्य योग में उत्पन्न स्त्री दीर्घायु पति वाली होती है|
महाभाग्य योग में उत्पन्न स्त्री पुत्र-पौत्रादि वाली होती है|
महाभाग्य योग में उत्पन्न स्त्री अत्यंत सौभाग्यशालिनी होती है|

क्यों फलित नही होता है महाभाग्य योग?
महाभाग्य योग लग्न, सूर्य और चन्द्रमा के सम या विषम राशि में होने से निम्न प्रकार से बनता है, अब यहा दो कारक ग्रह बनते है- पहला सूर्य व दूसरा चन्द्रमा तो निम्न कारणों से महाभाग्य योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा

यदि सूर्य बालावस्था, वृद्ध अवस्था या मृत अवस्था में हो तो भी जातक को महाभाग्य योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|

यदि सूर्य षष्ठ भाव या अष्टम भाव या व्यय भाव में हो तो भी जातक को महाभाग्य योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|

यदि सूर्य षष्ठ भाव या अष्टम भाव या व्यय भाव का स्वामी हो तो भी जातक को महाभाग्य योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
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यदि चन्द्रमा बालावस्था, वृद्ध अवस्था या मृत अवस्था में हो तो भी जातक को महाभाग्य योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|

यदि चन्द्रमा षष्ठ भाव या अष्टम भाव या व्यय भाव में हो तो भी जातक को महाभाग्य योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|

यदि चन्द्रमा षष्ठ भाव या अष्टम भाव या व्यय भाव का स्वामी हो तो भी जातक को महाभाग्य योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|

चन्द्रमा पूर्ण बली न हो अर्थात वो कृष्ण पक्ष की षष्टमी तिथि से शुक्ल पक्ष के षष्टमी तिथि के बीच का हो तो भी जातक को महाभाग्य योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
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मै आशा करता हू की आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी| आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे में हमें जरुर बताइयेगा| व आगे इसी तरह की ज्योतिष की जानकारी के लिए जुड़े रहिएगा..........

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