Saturday, October 20, 2018

क्या होता है कर्तरी योग? व कैसे होते है कर्तरी योग में उतपन्न जातक? व क्यों फलित नही होता है कर्तरी योग?


क्या होता है कर्तरी योग? व कैसे होते है कर्तरी योग में उतपन्न जातक? व क्यों फलित नही होता है कर्तरी योग?

क्या होता है कर्तरी योग?
यदि लग्न से दूसरे व बारहवे दोनों भावो में यदि ग्रह स्थित हो तो कर्तरी योग बनता है| यह योग दो प्रकार के होते है—
शुभ कर्तरी योग
पाप कर्तरी योग

शुभ कर्तरी योग--
यदि लग्न से दूसरे व बारहवे दोनों भावो में यदि शुभग्रह स्थित हो तो शुभ कर्तरी योग बनता है|
Kartari-Yog1
पाप कर्तरी योग--
यदि लग्न से दूसरे व बारहवे दोनों भावो में यदि पाप ग्रह स्थित हो तो पाप कर्तरी योग बनता है|
Kartari-Yog2
शुभग्रह— बुध, चन्द्रमा, गुरु व शुक्र शुभ ग्रह है|
पाप ग्रह— सूर्य, मंगल, शनि, राहु व केतु पाप ग्रह है|

कैसे होते है कर्तरी योग में उतपन्न जातक?

शुभ कर्तरी योग में उतपन्न जातक---
शुभ कर्तरी योग में उतपन्न जातक निर्भयी होते है|
शुभ कर्तरी योग में उतपन्न जातक निरोगी होते है|
शुभ कर्तरी योग में उतपन्न जातक सुखी होते है|
शुभ कर्तरी योग में उतपन्न जातक धन-वैभवादि से सम्पन्न होते है|
शुभ कर्तरी योग में उतपन्न जातक दीर्घायु होते है|

पाप कर्तरी योग में उतपन्न जातक---
पाप कर्तरी योग में उतपन्न जातक निर्धनी होते है|
पाप कर्तरी योग में उतपन्न जातक मलिन होते है|
पाप कर्तरी योग में उतपन्न जातक दुखी होते है|
पाप कर्तरी योग में उतपन्न जातक स्त्री-पुत्रादि से हीन होते है|
पाप कर्तरी योग में उतपन्न जातक अंगहीन होते है|

क्यों फलित नही होता है कर्तरी योग?
यदि लग्न से दूसरे व बारहवे दोनों भावो में यदि ग्रह स्थित हो तो कर्तरी योग बनता है, अब यहा दो कारक ग्रह बनते है पहला लग्न से दूसरे भाव में स्थित ग्रह व दूसरा लग्न से बारहवे भाव में स्थित ग्रह तो निम्न कारणों से जातक को कर्तरी योग कभी फलित नही होगा-

यदि लग्न से दूसरे भाव में स्थित ग्रह बालावस्था, वृद्ध अवस्था या मृत अवस्था में हो तो भी जातक को कर्तरी योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|

यदि लग्न से दूसरे भाव में स्थित ग्रह षष्ठ भाव या अष्टम भाव या व्यय भाव का स्वामी हो तो भी जातक को कर्तरी योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
Kartari-Yog3
यदि लग्न से बारहवे भाव में स्थित ग्रह बालावस्था, वृद्ध अवस्था या मृत अवस्था में हो तो भी जातक को कर्तरी योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|

यदि लग्न से बारहवे भाव में स्थित ग्रह षष्ठ भाव या अष्टम भाव या व्यय भाव का स्वामी हो तो भी जातक को कर्तरी योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
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मै आशा करता हू की आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी| आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे में हमें जरुर बताइयेगा| व आगे इसी तरह की ज्योतिष की जानकारी के लिए जुड़े रहिएगा..........

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