Monday, October 15, 2018

क्या होता है श्रीनाथ योग? व कैसे होते है श्रीनाथ योग में उतपन्न जातक? व क्यों फलित नही होता है श्रीनाथ योग?


क्या होता है श्रीनाथ योग? व कैसे होते है श्रीनाथ योग में उतपन्न जातक? व क्यों फलित नही होता है श्रीनाथ योग?

क्या होता है श्रीनाथ योग?
सप्तम भाव का स्वामी अपनी उच्च राशि का होकर कर्म स्थान( दशम भाव ) में हो और दशम भाव का स्वामी नवम भाव के स्वामी के साथ हो तो श्रीनाथ योग होता है|
Shrinath-Yog
कैसे होते है श्रीनाथ योग में उतपन्न जातक?

श्रीनाथ योग में उत्पन्न जातक राजा सामान होते है|
श्रीनाथ योग में उत्पन्न जातक गुणी होते है|
श्रीनाथ योग में उत्पन्न जातक धार्मिक होते है|


क्यों फलित नही होता है श्रीनाथ योग?

सप्तम भाव का स्वामी अपनी उच्च राशि का होकर कर्म स्थान( दशम भाव ) में हो और दशम भाव का स्वामी नवम भाव के स्वामी के साथ हो तो श्रीनाथ योग होता है, तो देखते है की कौन सी ऐसी राशि है जो सप्तम भाव की स्वामी हो और साथ ही साथ दशम भाव में उसकी उच्च राशि हो|
अब देखते है लग्न, सप्तम भाव का स्वामी ग्रह, दशम भाव में स्थित राशि व ग्रहों की उच्च राशि कौन सी है-
लग्न
सप्तम भाव का स्वामी
दशम भाव स्थित राशि
मेष
तुला का स्वामी शुक्र
मकर
वृष
वृश्चिक का स्वामी मंगल
कुम्भ
मिथुन
धनु का स्वामी गुरु
मीन
कर्क
मकर का स्वामी शनि
मेष
सिंह
कुम्भ का स्वामी शनि
वृष
कन्या
मीन का स्वामी गुरु
मिथुन
तुला
मेष का स्वामी मंगल
कर्क
वृश्चिक
वृष का स्वामी शुक्र
सिंह
धनु
मिथुन का स्वामी बुध
कन्या
मकर
कर्क का स्वामी चन्द्रमा
तुला
कुम्भ
सिंह का स्वामी सूर्य
वृश्चिक
मीन
कन्या का स्वामी बुध
धनु


ग्रह
उच्च राशि
सूर्य
मेष
चन्द्रमा
वृष
मंगल
मकर
बुध
कन्या
गुरु
कर्क
शुक्र
मीन
शनि
तुला
सारणी से देखने से यह साफ साफ समझ आता है की केवल और केवल धनु लग्न ऐसा है जिसमे सप्तम भाव में मिथुन राशि होगी जिसका स्वामी ग्रह बुध है जो की दशम भाव में अपनी उच्च राशि कन्या राशि में स्थित होगा, अब यहा कारक ग्रहों में बुध व नवम भाव ( सिंह राशि ) का स्वामी ग्रह सूर्य होगा| अब दशम भाव का स्वामी नवम भाव के स्वामी के साथ हो जो की दशम भाव में ही सम्भव है की दोनों साथ साथ हो| तो निम्न कारणों से श्रीनाथ योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा

यदि बुध बालावस्था, वृद्ध अवस्था या मृत अवस्था में हो तो भी जातक को श्रीनाथ योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|

यदि सूर्य बालावस्था, वृद्ध अवस्था या मृत अवस्था में हो तो भी जातक को श्रीनाथ योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|

बुध यदि सूर्य के साथ होने पे अस्त हुआ तो भी जातक को श्रीनाथ योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|

मै आशा करता हू की आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी| आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे में हमें जरुर बताइयेगा| व आगे इसी तरह की ज्योतिष की जानकारी के लिए जुड़े रहिएगा..........


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