क्या होता है दुष्कृति
योग? व कैसे होते है दुष्कृति योग में उतपन्न जातक? व क्यों फलित नही होता है दुष्कृति योग?
क्या होता है दुष्कृति
योग?
सप्तम
भाव पाप ग्रह से युत हो या दृष्ट हो व सप्तमेश षष्ठ भाव या अष्टम भाव या व्यय भाव में हो तो दुष्कृति योग होता है|
कैसे होते है दुष्कृति
योग
में उतपन्न जातक?
दुष्कृति योग में उत्पन्न जातक की पत्नी की मृत्यु हो जाती है|
दुष्कृति योग में उत्पन्न जातक पर स्त्री के भोग की कामना से
युक्त होता है|
दुष्कृति योग में उत्पन्न जातक प्रमेहादी गुहांग सम्बन्धी
व्याधि से पीड़ित होता है|
दुष्कृति योग में उत्पन्न जातक राजा द्वारा पीड़ित होता है|
दुष्कृति योग में उत्पन्न जातक स्वजनों व बन्धु-बांधवों से
अपमानित होता है|
दुष्कृति योग में उत्पन्न जातक शोकसन्तप्त
होता है|
क्यों फलित नही होता है दुष्कृति
योग?
सप्तम
भाव पाप ग्रह से युत हो या दृष्ट हो व सप्तमेश षष्ठ भाव या अष्टम भाव या व्यय भाव में हो तो दुष्कृति योग होता है अब यहा दुष्कृति योग के तीन कारक ग्रह बनते है
पहला सप्तम भाव में स्थित ग्रह, सप्तम भाव को देखने वाला ग्रह व
सप्तम भाव का स्वामी ग्रह तो
निम्न कारणों से दुष्कृति योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा—
यदि सप्तमेश षष्ठ भाव या अष्टम भाव या व्यय भाव के
अतिरिक्त किसी अन्य भाव हो तो भी जातक को दुष्कृति योग कभी अपना
पूर्ण फल नही देगा|
यदि सप्तम भाव का स्वामी ग्रह बालावस्था, वृद्ध दुष्कृतिस्था या मृत दुष्कृतिस्था
में हो तो भी जातक को दुष्कृति योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
यदि सप्तम भाव में स्थित ग्रह बालावस्था, वृद्ध दुष्कृतिस्था या मृत दुष्कृतिस्था
में हो तो भी जातक को दुष्कृति योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
यदि सप्तम भाव को देखने वाला ग्रह बालावस्था, वृद्ध दुष्कृतिस्था या मृत दुष्कृतिस्था
में हो तो भी जातक को दुष्कृति योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
मै आशा करता हू की आपको ये जानकारी
अच्छी लगी होगी| आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे में हमें
जरुर बताइयेगा| व आगे इसी तरह की ज्योतिष की जानकारी के लिए
जुड़े रहिएगा..........
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