क्या होता है श्रीकंठ योग? व कैसे होते है श्रीकंठ योग में उतपन्न जातक? व क्यों फलित नही होता है
श्रीकंठ योग?
क्या होता है श्रीकंठ योग?
जब
लग्नेश, सूर्य और चन्द्रमा अपनी उच्च राशि, स्व-राशि या मित्र राशि से युक्त होकर
यदि केन्द्र ( 1, 4, 7, 10 ) या त्रिकोण ( 5, 9 ) भवनों में स्थित हो तो श्रीकंठ योग होता है|
कैसे होते है श्रीकंठ योग में उतपन्न जातक?
श्रीकंठ योग में
उत्पन्न जातक रुद्राक्ष धारण करते है|
श्रीकंठ योग में
उत्पन्न जातक शिव जी की साधना में होते है|
श्रीकंठ योग में
उत्पन्न जातक अति धार्मिक होते है|
श्रीकंठ योग में
उत्पन्न जातक साधु-सन्तो की सेवा करने वाले होते है|
श्रीकंठ योग में
उत्पन्न जातक गुणी होते है|
श्रीकंठ योग में
उत्पन्न जातक धार्मिक होते है|
क्यों फलित नही होता है श्रीकंठ योग?
जब
लग्नेश, सूर्य और चन्द्रमा अपनी उच्च राशि, स्व-राशि या मित्र राशि से युक्त होकर
यदि केन्द्र ( 1, 4, 7, 10 ) या त्रिकोण ( 5, 9 ) भवनों में स्थित हो तो श्रीकंठ योग होता है अब
यहा श्रीकंठ योग के तीन कारक ग्रह बनते है पहला लग्नेश, दूसरा सूर्य और तीसरा चन्द्रमा
तो निम्न कारणों से श्रीकंठ
योग कभी अपना पूर्ण फल
नही देगा—
यदि लग्नेश बालावस्था, वृद्ध अवस्था या मृत अवस्था
में हो तो भी जातक को श्रीकंठ योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
यदि लग्नेश षष्ठ भाव या अष्टम भाव या व्यय भाव का
स्वामी हो तो भी जातक को श्रीकंठ योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
यदि सूर्य बालावस्था, वृद्ध अवस्था या मृत अवस्था
में हो तो भी जातक को श्रीकंठ योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
यदि सूर्य षष्ठ भाव या अष्टम भाव या व्यय भाव का
स्वामी हो तो भी जातक को श्रीकंठ योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
यदि
चन्द्रमा बालावस्था, वृद्ध अवस्था या मृत अवस्था में हो तो भी जातक को श्रीकंठ योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
यदि
चन्द्रमा पूर्ण बली न हो अर्थात
वो कृष्ण पक्ष की षष्टमी तिथि से शुक्ल पक्ष के षष्टमी तिथि के बीच का हो तो भी जातक को श्रीकंठ योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
यदि
चन्द्रमा षष्ठ भाव या अष्टम भाव या व्यय भाव का स्वामी हो तो भी जातक को श्रीकंठ योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
मै आशा करता हू की आपको ये जानकारी
अच्छी लगी होगी| आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे में हमें
जरुर बताइयेगा| व आगे इसी तरह की ज्योतिष की जानकारी के लिए
जुड़े रहिएगा..........
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