क्या होता है हर्ष
योग? व कैसे होते है हर्ष योग में उतपन्न जातक? व क्यों फलित नही होता है हर्ष योग?
क्या होता है हर्ष
योग?
षष्ठ
भाव पाप ग्रह से युत हो या दृष्ट हो व षष्ठेश षष्ठ भाव या अष्टम भाव या व्यय भाव में हो तो हर्ष योग होता है|
कैसे होते है हर्ष
योग
में उतपन्न जातक?
हर्ष योग में उत्पन्न जातक पापभीरु होता है|
हर्ष योग में उत्पन्न जातक सुखी होता है|
हर्ष योग में उत्पन्न जातक भोगो से युक्त होता है|
हर्ष योग में उत्पन्न जातक भाग्यशाली होता है|
हर्ष योग में उत्पन्न जातक का पुष्ट शरीर होता है|
हर्ष योग में उत्पन्न जातक शत्रुन्जयी होता है|
हर्ष योग में उत्पन्न जातक विख्यात
होता है|
क्यों फलित नही होता है हर्ष
योग?
षष्ठ
भाव पाप ग्रह से युत हो या दृष्ट हो व षष्ठेश षष्ठ भाव या अष्टम भाव या व्यय भाव में हो तो हर्ष योग होता है अब यहा हर्ष योग के तीन कारक ग्रह बनते है पहला षष्ठ भाव में स्थित ग्रह, षष्ठ भाव को देखने वाला ग्रह व
षष्ठ भाव का स्वामी ग्रह तो
निम्न कारणों से हर्ष योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा—
यदि षष्ठेश षष्ठ भाव या अष्टम भाव या व्यय भाव के
अतिरिक्त किसी अन्य भाव हो तो भी जातक को हर्ष योग कभी अपना
पूर्ण फल नही देगा|
यदि षष्ठ भाव का स्वामी ग्रह बालावस्था, वृद्ध हर्षस्था या मृत हर्षस्था
में हो तो भी जातक को हर्ष योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
यदि षष्ठ भाव में स्थित ग्रह बालावस्था, वृद्ध हर्षस्था या मृत हर्षस्था
में हो तो भी जातक को हर्ष योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
यदि षष्ठ भाव को देखने वाला ग्रह बालावस्था, वृद्ध हर्षस्था या मृत हर्षस्था
में हो तो भी जातक को हर्ष योग कभी अपना पूर्ण फल नही देगा|
मै आशा करता हू की आपको ये जानकारी
अच्छी लगी होगी| आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे में हमें
जरुर बताइयेगा| व आगे इसी तरह की ज्योतिष की जानकारी के लिए
जुड़े रहिएगा..........
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