जाने क्या होता है सर्वार्थसिद्धि योग? आज हम बताएँगे सर्वार्थसिद्धि योग के बारे में
सर्वार्थसिद्धि योग :-
भारतीय वैदिक
ज्योतिष में इस योग को बहुत शुभ माना जाता है! इसके अलावा, जैसा की नाम से विदित
है इस योग में कोई भी नवीन एवं शुभ कार्य शुरू करने से कार्य की सिद्धि अर्थात्
कार्य निश्चित रूप से सफल होता है!
मान्यता है कि मंगलवार को किसी भी प्रकार का
वाहन खरीदना एवं शनिवार को लोहे का सामान खरीदना अशुभ माना जाता है परन्तु सर्वार्थसिद्धि
योग में यह किया जा सकता है! इस योग को निम्न प्रकार से निकाला जाता है-यह योग वार
एवं नक्षत्र के संयोग से बनता है अर्थात् किसी वार को किसी विशेष नक्षत्र के संयोग
से जो की निम्न है-
रविवार को यदि हस्त,
मूल, तीनो उत्तरा(उत्तरा फाल्गुन, उत्तरा आषाढ़, उत्तरा भाद्रपद) पुष्य एवं अश्विनी
नक्षत्र का संयोग होता है तो रविवार को सर्वार्थसिद्धि योग माना जाएगा!
सोमवार को यदि
श्रवण, रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य एवं अनुराधा नक्षत्र का संयोग होता है तो को सोमवार
सर्वार्थसिद्धि योग माना जाएगा!
मंगलवार को यदि
अश्विनी, उत्तरा भाद्रपद, कृतिका, एवं अश्लेषा नक्षत्र का संयोग होता है तो को
मंगलवार सर्वार्थसिद्धि योग माना जाएगा!
बुधवार को यदि
रोहिणी, अनुराधा, हस्त, कृतिका एवं मृगशिरा नक्षत्र का संयोग होता है तो को बुधवार
सर्वार्थसिद्धि योग माना जाएगा!
गुरुवार को यदि रेवती,
अनुराधा, अश्विनी, पुनर्वसु एवं पुष्य नक्षत्र का संयोग होता है तो को गुरुवार
सर्वार्थसिद्धि योग माना जाएगा!
शुक्रवार को यदि
रेवती, अनुराधा, अश्विनी, पुनर्वसु एवं श्रवण नक्षत्र का संयोग होता है तो को
शुक्रवार सर्वार्थसिद्धि योग माना जाएगा!
शनिवार को यदि श्रवण,
रोहिणी एवं स्वाति नक्षत्र का संयोग होता है तो को शनिवार सर्वार्थसिद्धि योग माना
जाएगा!
उद्धारण के लिए :-
यदि
रविवार को हस्त नक्षत्र दिन के 07:35 से प्रारम्भ होता है एवं रात्रि 08:30 तक है तो उस दिन का
सर्वार्थसिद्धि योग 07:35 से शुरू होगा एवं रात्रि
08:30 तक होगा!
सर्वार्थसिद्धि योग
चक्र :-
दिनों में
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रवि
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सोम
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मंगल
|
बुध
|
गुरु
|
शुक्र
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शनि
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नक्षत्र
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हस्त
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श्रवण
|
अश्विनी
|
रोहिणी
|
रेवती
|
रेवती
|
श्रवण
|
मूल
|
रोहिणी
|
उत्तरा भाद्रपद
|
अनुराधा
|
अनुराधा
|
अनुराधा
|
रोहिणी
|
|
उत्तराफाल्गुन
|
मृगशिरा
|
कृतिका
|
हस्त
|
अश्विनी
|
अश्विनी
|
स्वाति
|
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उत्तरा आषाढ़
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पुष्य
|
अश्लेषा
|
कृतिका
|
पुनर्वसु
|
पुनर्वसु
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उत्तरा भाद्रपद
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अनुराधा
|
मृगशिरा
|
पुष्य
|
श्रवण
|
|||
पुष्य
|
|||||||
अश्विनी
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मै आशा करता हू की
आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी! आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे में हमें
जरुर बताइयेगा! व आगे इसी तरह की ज्योतिष की जानकारी के लिए जुड़े रहिएगा..........
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