Friday, July 27, 2018

क्या होता है मांगलिक दोष? कैसे बनता है कुंडली में मांगलिक दोष? क्या प्रभाव होता है मांगलिक दोष का? व मांगलिक दोष के क्या क्या उपाय है?

क्या होता है मांगलिक दोष? कैसे बनता है कुंडली में मांगलिक दोष? क्या प्रभाव होता है मांगलिक दोष का? व मांगलिक दोष के क्या क्या उपाय है?

क्या होता है मांगलिक दोष?

बहुत बार आपने ज्योतिषाचार्य को बताते सुना होगा की आपकी कुंडली में मांगलिक दोष है तो आखिर होता क्या है मांगलिक दोष – इस दोष में मंगल ग्रह कुंडली में एक विशेष स्थान में होता है, जिसके कारण आपकी कुंडली में लगता है मांगलिक दोष! यह दोष कन्या की कुंडली में होने पे कन्या मंगली कहलाती है और लड़के की कुंडली में होने से लड़का मंगला कहलाता है! मंगल ग्रह क्रूर ग्रह है जिसके कारण ये दोष बहुत मायने रखता है! आगे जानते है कैसे बनता है कुंडली में मांगलिक दोष?

कैसे बनता है कुंडली में मांगलिक दोष?

किसी भी कुंडली में मंगल के कुछ भावो में होने पे बनता है मांगलिक दोष!
तो आइए जानते है किन किन भावो में मंगल के होने से बनता है मांगलिक दोष--
यदि आपकी कुंडली में मंगल लग्न में हो, दूसरे भाव में हो, चतुर्थ भाव में हो, सप्तम भाव में हो, अष्टम भाव में हो या व्यय भाव में हो तो आपकी कुंडली होती है मांगलिक! भावो के बारे में जो लोग नही जानते है वो मेरा पुराना ब्लॉग “आज हम बताएँगे किस किसभाव को किस किस नाम से जाना जाता है” देखे जिससे उनको ये ब्लॉग पूर्ण रूप से समझ आ सके! जीन जीन स्थान में मंगल के होने से मांगलिक दोष बनता है उनको मैंने चित्र में दर्शाया है—

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मंगल के उक्त भावो में होने से क्यू बनता है मांगलिक दोष आइए जानते है विस्तार से
पहले हम बात करते है मंगल की दृष्टि की मंगल जिस भाव में होता है वहा से वो चतुर्थ भाव को, सप्तम भाव को व अष्टम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता है अर्थात की उन उन भावो में ये अपना पूर्ण प्रभाव डालता है! यदि आपको किन-किन भावो से क्या-क्या देखा जाता है नही पता है तो पहले मेरे ब्लॉग “आज हम बताएँगे किस-किस भाव सेक्या-क्या देखा जाता है!” को पढ़ ले!
तो हम बात करते है मंगल के उक्त भावो में होने से क्यू बनता है मांगलिक दोष व क्या प्रभाव होता है मांगलिक दोष का? आइए जानते है विस्तार से


क्या प्रभाव होता है मांगलिक दोष का?
मंगल के लग्न में होने से :- 
जब मंगल लग्न में होता है तो उसकी दृष्टि चतुर्थ भाव, सप्तम भाव व अष्टम भाव में प्रबल होती है! जिससे चतुर्थ भाव में प्रभाव स्वरूप सुख शांति व खुशहाली नष्ट करता है व पति/पत्नी के व्यापर व नौकरी में समस्या भी देता है, सप्तम भाव में पति/पत्नी पर प्रभाव व उनके शारीर पे प्रभाव व अष्टम भाव में पति/पत्नी की आयु पे प्रभाव डालती है!

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मंगल के दूसरे भाव में होने से :- 
मंगल जब दूसरे भाव में होता है तो उसकी उसकी दृष्टि पंचम भाव, अष्टम भाव व भाग्य भाव में प्रबल होती है! जिससे की पंचम भाव में पति/पत्नी के आय पे प्रभाव, अष्टम भाव में पति/पत्नी के आयु पे प्रभाव व भाग्य भाव में पति/पत्नी के पराक्रम पे प्रभाव डालता है!

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मंगल के चतुर्थ भाव में होने से :- 
मंगल जब चतुर्थ भाव में होता है तो उसकी उसकी दृष्टि सप्तम भाव, दशम भाव व आय भाव में प्रबल होती है! जिससे की सप्तम भाव में पति/पत्नी पर प्रभाव व उनके शारीर पे प्रभाव, दशम भाव में पति/पत्नी के सुख शांति व खुशहाली नष्ट करता है व आय भाव में पति/पत्नी के मन पर प्रभाव डालता है!

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मंगल के सप्तम भाव में होने से :- 
मंगल जब सप्तम भाव में होता है तो उसकी उसकी दृष्टि दशम भाव, लग्न भाव व धन भाव में प्रबल होती है! जिससे दशम भाव में पति/पत्नी के सुख शांति व खुशहाली नष्ट करता है, लग्न भाव में स्वयं की हानी व धन भाव में पति/पत्नी के आयु पे प्रभाव डालता है!

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मंगल के अष्टम भाव में होने से :- 
मंगल जब अष्टम भाव में होता है तो उसकी उसकी दृष्टि आय भाव, धन भाव व पराक्रम भाव में प्रबल होती है! जिससे आय भाव में पति/पत्नी के मन पर, धन भाव में पति/पत्नी के आयु पे व पराक्रम भाव में पति/पत्नी के भाग्य पे प्रभाव डालता है!  

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मंगल के व्यय भाव में होने से :- 
मंगल जब व्यय भाव में होता है तो उसकी उसकी दृष्टि पराक्रम भाव, षष्ठ भाव व सप्तम भाव में प्रबल होती है! जिससे पराक्रम भाव में पति/पत्नी के भाग्य पे, षष्ठ भाव पति/पत्नी के आयु पे व सप्तम भाव में पति/पत्नी पर प्रभाव व उनके शारीर पे प्रभाव डालता है!  

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अतः पूर्णतया मांगलिक दोष के प्रभाव से सर्वप्रथम शादी में विलम्ब होता है, व शादी हो जाने पे पति/पत्नी के आयु, शरीर, मन, मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, उन्नति, भाग्य, व्यापर, नौकरी इत्यादि में होता है! इसमें पति/पत्नी की मृत्यु, एक्सीडेंट, तलाक, मान हानी, परिवारक कलह, विछोभ तक होता है!

मांगलिक दोष के क्या क्या उपाय है?
बहुत से ज्योतिषाचार्यो का मानना है की मांगलिक दोष का प्रभाव केवल 28 वर्ष की अवस्था तक ही होता है व इसी प्रभाव से शादी में विलम्ब भी होता है परन्तु दोष तो दोष वो तो अपना प्रभाव कभी भी दे सकता है! जब जब मंगल का प्रभाव आएगा तब तब वो दोष अपना प्रभाव दिखायेगा! अतः जो जो लोग मांगलिक है उनके लिए ये ये उपाय बताये गए है—
  1. मांगलिक कन्या का विवाह मंगला लड़के से ही करवाए व मंगला लड़के का विवाह मांगलिक कन्या से ही करवाए!
  2. मांगलिक दोष युक्त कुंडली वाले हनुमान जी की पूजा अवश्य करे

मै आशा करता हू की आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी! आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे में हमें जरुर बताइयेगा! व आगे इसी तरह की ज्योतिष की जानकारी के लिए जुड़े रहिएगा..........

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