आज हम बताएँगे किस-किस भाव से क्या-क्या देखा जाता है--
जैसा हमने पिछले
ब्लॉग “आज हम बताएँगे किस किस भाव को किस किस नाम से जाना जाता है” में जाना था किस
भाव को क्या क्या कहा जाता है! ठीक उसी प्रकार आज हम बात करेंगे किस भाव से हम किस
चीज़ का विचार करते है!
तो आइये जानते है
किस किस भाव से क्या क्या देखा जाता है-
प्रथम भाव से :- देह
की बनावट, व्यक्तित्व, चेहरा, स्वास्थ्य, चरित्र, स्वभाव, आयुष्य, सौभाग्य,मान-सम्मान,
समृद्धि, यश, कीर्ति इत्यादि देखा जाता है!
दूसरे भाव से :- धन-सम्पदा,
वाणी, दाहिनी आँख, नाख़ून, जिह्वा, नाक, दांत, मृत्यु, कल्पना, अवलोकन, अप्राकृतिक
मैथुन इत्यादि देखा जाता है!
तीसरे भाव से :- छोटे
भाई-बहन, सम्बन्धी, साहस, बहादुरी, मित्रता, मामा, लघु यात्रा, धैर्य, दाया कान इत्यादि
देखा जाता है!
चौथे भाव से :- माता,
वाहन, भूमि, आवास, ससुराल पक्ष, मानसिक सुख, इत्यादि देखा जाता है!
पांचवे भाव से :- संतान,
प्रसिद्धी, बुद्धि, प्रतिभा, वाक् पटुता, राजनीती, पढाई, लेखन इत्यादि देखा जाता
है!
छठे भाव से :- रोग,
शत्रु, ऋण, विवाद, चोरी, चोट, हनी, धोखा, जेल, यातना, बल, मुकदमा इत्यादि देखा
जाता है!
सातवे भाव से :- पति-पत्नी
सुख, प्रेम सम्बन्ध, कम शक्ति, मृत्यु, गुप्त रोग, मूत्र रोग, विवाह, व्यापर इत्यादि
देखा जाता है!
आठवे भाव से :- आयु,
मृत्यु का प्रकार, बाधाए, दुर्घटना, विरासत, रूकावट, पैतृक सम्पति, युद्ध, शत्रु,
भुगत धन, चिन्ता इत्यादि देखा जाता है!
नवे भाव से :- भाग्य,
धर्म, चरित्र, आध्यात्मिकता, तीर्थ यात्रा, स्वप्न इत्यादि देखा जाता है!
दसवे भाव से :- पिता,
व्यवसाय, कीर्ति, शक्ति, अधिकार, सफलता, सरकारी नौकरी, प्राइवेट नौकरी, चरित्र,
रुतबा इत्यादि देखा जाता है!
ग्यारहवे भाव से :- आय,
लाभ, बड़ा भाई-बहन, बाया कान, कार्यो में सफलता इत्यादि देखा जाता है!
बारहवे भाव से :- व्यय,
हानी, दण्ड, कारावास, विदेश यात्रा, कलह, दुराचरण, बाया नेत्र इत्यादि देखा जाता
है!
मै आशा करता हू की
आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी! आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे में हमें
जरुर बताइयेगा! व आगे इसी तरह की ज्योतिष की जानकारी के लिए जुड़े रहिएगा..........
आप हमारे
बाकि के ब्लोग्स भी यहाँ देख सकते है ----
हमसे सम्पर्क करने के लिए मेल करे
0 comments: