आज हम बताएँगे किस किस भाव को किस किस नाम से जाना जाता है
एक सामान्य कुंडली
का चित्र यहा दिखाया गया है, जिसमे केवल प्रथम भाव जो की लग्न है को दिखाया गया है!
इसी लग्न में 1 से 12 के बीच का कोई अंक लिखा होगा जिसको हम राशी नाम से जानते है,
जो की 12 रशिया है! लग्न में जो भी राशी होती है उसका ग्रह लग्नेश कहलाता है! इसी
प्रथम भाव से बाये तरफ वाला दूसरा भाव है जो की द्वितीयेश कहा जाता है उसी क्रम
में तीसरा भाव, चौथा भाव, पांचवा भाव, छठा भाव, सातवा भाव, आठवा भाव, नवा भाव, दसवा
भाव, ग्यारहवा भाव व बारहवा भाव क्रमशः बाये से दाए घडी के विपरीत घुमने की दिशा
में होते है!
आइये जानते है एक उदाहरण के द्वारा
उदाहरण के लिए यदि
लग्न में 5 अंक लिखा है तो दूसरे भाव में 6 अंक, तीसरे भाव में
7 अंक, चौथे भाव में 8 अंक, पांचवे
भाव में 9 अंक, छठे
भाव में 10 अंक, सातवे भाव में 11 अंक, आठवे
भाव में 12 अंक, अब 12 के बाद फिर से नवे भाव में 1 अंक आएगा ( क्युकी केवल 12 ही राशी होती है
जिसको 1 से 12 के अंको से दिखाया जाता है! ) दसवे भाव में 2 अंक, ग्यारहवे
भाव में 3 अंक, एवम बारहवे भाव में 4 अंक लिखा होगा! जैसा चित्र में दिखाया गया है!
आइये जानते है किस
किस भाव को किस किस नाम से जाना जाता है-
प्रथम भाव को :- लग्नेश
व केंद्र व त्रिकोण व अनुपचय भाव भी कहा जाता है!
दूसरे भाव को :- धनेश
व पणफर व अनुपचय व मारक भाव भी कहा जाता है!
तीसरे भाव को :- अपोक्लिम
व उपचय व आयु भाव भी कहा जाता है!
चौथे भाव को :- केंद्र
व चतुरस्र व अनुपचय भाव भी कहा जाता है!
पांचवे भाव को :- त्रिकोण
व पणफर व अनुपचय भाव भी कहा जाता है!
छठे भाव को :- अपोक्लिम
व पतित व त्रिक व उपचय भाव भी कहा जाता है!
सातवे भाव को :- केंद्र
व अनुपचय व मारक भाव भी कहा जाता है!
आठवे भाव को :- चतुरस्र
व त्रिक व आयु व पणफर व अनुपचय भाव भी कहा जाता है!
नवे भाव को :- त्रिकोण
व अपोक्लिम व अनुपचय भाव भी कहा जाता है!
दसवे भाव को :- केंद्र
व उपचय व कर्मेश भाव भी कहा जाता है!
ग्यारहवे भाव को :- पणफर
व उपचय व आयेश भाव भी कहा जाता है!
बारहवे भाव को :- अपोक्लिम
व त्रिक व पतित व अनुपचय व व्येश भाव भी कहा जाता है!
जो ज्योतिष नही
जानते है आज बहुत से नए शब्दों को पढ़े होंगे मै आगे के ब्लोग्स में उन सभी के बारे
में बताऊंगा!
मै आशा करता हू की
आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी! आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे में हमें
जरुर बताइयेगा! व आगे इसी तरह की ज्योतिष की जानकारी के लिए जुड़े रहिएगा..........
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